इस बार नया वर्ष और चैत्र नवरात्रि दोनों ही पंचकों में आरंभ हो रहे हैं। इस स्थिति में इसका विशेष महत्व बढ़ गया है
चैत्र माह की प्रतिपदा से नया हिंदू वर्ष आरंभ होता है। इस दिन से ही चैत्र नवरात्रि भी आरंभ होती है। ज्योतिषाचार्य पंडित रामदास के अनुसार इस बार नया वर्ष और चैत्र नवरात्रि दोनों ही पंचकों में आरंभ हो रहे हैं। इस स्थिति में इसका विशेष महत्व बढ़ गया है।
क्या होते हैं पंचक (Panchak)
ज्योतिष के अनुसार जब चन्द्रमा कुंभ और मीन राशि में होता है तो उसे पंचक कहा जाता है। यह अवधि लगभग पांच दिनों की होने के कारण ही इसे पंचक कहा जाता है। इसे हिंदू धर्म में अशुभ माना गया है। साथ ही सभी मांगलिक व धार्मिक कार्यों को करने की मनाही भी की गई है। अगले महीने में 21 मार्च को पंचक शुरू होंगे, जबकि 22 मार्च को हिंदू नववर्ष और चैत्र नवरात्रि आरंभ होंगे।
नवरात्रि में कर सकेंगे पूजा (Chaitra Navratri Puja)
शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि को परम शुभ अवसर माना गया है। ऐसे में पंचकों में नवरात्रि का आना अधिक चिंतनीय नहीं है। नवरात्रि के प्रभाव से यह भी शुभ बन गए हैं। मां दुर्गा की कृपा और हनुमानजी के आशीर्वाद से आप भी इन नवरात्रियों में पूजा-पाठ कर सकेंगे।
नौका पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा नौका पर सवार होकर आएंगी। उनका यह रूप भक्तों की समस्त इच्छाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है। ऐसे में आप भी अपनी सुविधा के अनुसार इस दिन ईश्वर पूजन कर सकते हैं।