जब कुंडली में ग्रहों के राजा सूर्य के निकट कोई ग्रह आता है, तो वह शक्तिहीन होकर अस्त हो जाता है। किसी भी ग्रह के अस्त होने पर उसका प्रभाव व शक्तियां शून्य हो जाती हैं। इस समय ग्रह शुभ परिणाम देने में असमर्थ होते हैं। ऐसे में, बुध का कुंभ राशि में अस्त होना लोगों के लिए चिंता का विषय बन सकता है लेकिन यहां खास बात यह है कि जब बुध कुंभ राशि में अस्त होंगे तो उस दौरान वहां शनि देव पहले से ही विराजमान होंगे और बुध शनि के मित्र ग्रह हैं। ऐसी स्थिति में बुध का कुंभ में अस्त होना 7 राशियों के लिए फलदायी साबित होगा।
बता दें कि बुध ग्रह 28 फरवरी 2023 की सुबह 8 बजकर 3 मिनट पर कुंभ राशि में अस्त होंगे। तो आइए एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में जानते हैं कि वह कौन सी राशियां हैं जिन्हें बुध के अस्त होने से लाभकारी परिणाम प्राप्त होंगे।
बुध के कुंभ राशि में अस्त होने से इन राशियों को मिलेंगे सकारात्मक परिणाम
वृषभ राशि
बुध आपके दसवें भाव में अस्त हो रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप कार्यक्षेत्र पर आप अपने अच्छे काम की बदौलत अपने वरिष्ठों और बॉस से सराहना प्राप्त करेंगे। हालांकि अपने बॉस की नज़रों में अलग पहचान बनाने के लिए आपको और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता होगी। बुध के अस्त होने के दौरान आपके स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ सकता है। कार्यों में कुछ रुकावटें भी आ सकती हैं लेकिन इन समस्याओं से निपटने के लिए आप सक्षम होंगे क्योंकि बुध आपके लग्न के लिए एक योगकारक ग्रह है और दूसरे व पांचवें भाव के स्वामी हैं। वहीं, व्यापार जगत के लोगों के लिए बुध का अस्त होना कुछ समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। संभव है कि नए सौदे मिलने में कठिनाई हो लेकिन आप अपने प्रयासों से सफलता पाने में सक्षम होंगे।
मिथुन राशि
मिथुन आपके लग्न भाव के स्वामी हैं और अब यह नौवें भाव में अस्त होंगे। हालांकि, बुध की यह स्थिति अच्छी मानी जा सकती है लेकिन बुध के अस्त होने से इसका महत्व कम हो जाएगा। इस दौरान नौकरीपेशा लोगों को विदेश में काम करने के अवसर प्राप्त हो सकते हैं लेकिन कागजी कार्यवाही के दौरान कुछ देरी का सामना करना पड़ सकता है जिससे विदेश यात्रा में रुकावट भी आ सकती है। वहीं छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए किसी संस्थान में एडमिशन मिल सकता है लेकिन इसके साथ ही कुछ बाधाएं जैसे कक्षाएं देर में शुरू होना आदि का सामना भी करना पड़ सकता है। व्यवसाय करने वाले लोग अपने व्यापार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जा सकते हैं। हालांकि इस संबंध में आपको लाभ तो मिल सकता है, लेकिन अच्छा लाभ प्राप्त करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। आपको सलाह दी जाती है कि नए लोगों से डील करते समय सावधान रहें।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और इस अवधि में यह आपके सातवें भाव में अस्त होंगे। बुध कुंभ राशि में अस्त होने से आपके बिज़नेस में उतार-चढ़ाव की स्थिति पैदा हो सकती है। चूंकि दूसरे भाव के स्वामी भी यहां अस्त हो रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप यदि आप साझेदारी में व्यवसाय कर रहे हैं तो उसमें कुछ समस्याएं पैदा होने की आशंका है। आपकी व्यावसायिक साझेदार से कहासुनी हो सकती है और कुछ गलतफहमी भी पैदा हो सकती है। पारिवारिक जीवन की बात की जाए तो जीवनसाथी से संबंधों में तनाव रहेगा। हालांकि आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि जब बुध कुंभ राशि में उदय होंगे तो आप इन सभी समस्याओं से छुटकारा पा लेंगे।
कन्या राशि
बुध आपके पहले और दसवें भाव के स्वामी हैं और इस अवधि में यह आपके छठे भाव में अस्त होंगे। इस दौरान यदि आप किसी कोर्ट केस या कानूनी कार्यवाही में फंसे हुए हैं तो आशंका है कि फैसला आपके खिलाफ जा सकता है या फिर आपकी मुसीबतें बढ़ सकती हैं। हालांकि, चीजें जल्द ही सुलझ जाने की संभावना है। वहीं कार्यक्षेत्र में आपके सहकर्मी आपके लिए समस्या पैदा कर सकते हैं लेकिन यदि ग्रहों की स्थिति अनुकूल है तो चीजें नियंत्रण में रहेगी। इसके अलावा, बुध अस्त के दौरान आपको बातचीत करते वक्त शब्दों पर संयम रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि आपके द्वारा बोले गए शब्द दूसरों को आहत कर सकते हैं और कई बार विवाद की भी संभावना है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से है जो वकील या काउंसलर के पेशे से जुड़े हैं।
तुला राशि
तुला राशि के लिए बुध आपके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके पांचवें भाव में अस्त होंगे। बुध कुंभ राशि में अस्त होने से साइंटिस्ट या रिसर्चर को अपने थीसिस को पूरा करने या पब्लिश करने में देरी का सामना करना पड़ सकता है। कम्युनिकेटर, इतिहास के प्रीचर, फिलोसोफी, अध्यात्म आदि क्षेत्रों से जुड़े लोग समाज को सकारात्मक संदेश देने की कोशिश कर सकते हैं लेकिन बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करने में असफल रह सकते हैं क्योंकि बुध आपके लिए योगकारक ग्रह है और यह अपनी अस्त अवस्था के दौरान आपको अधिक सकारात्मक परिणाम देने में असमर्थ हो सकते हैं और इस दौरान आपके जीवन में छोटी-छोटी बाधाएँ पैदा कर सकते हैं। नवम भाव उच्च शिक्षा को दर्शाता है और पंचम भाव शिक्षा से संबंधित है। ऐसे में बुध अस्त का प्रभाव रिसर्चर, शिक्षकों आदि पर अधिक पड़ सकता है।
मकर राशि
बुध आपके छठे व नौवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके परिवार और धन के भाव यानी दूसरे भाव में अस्त होंगे जिसके परिणामस्वरूप आपको आर्थिक रूप से उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। धन का प्रवाह कम हो सकता है। हालांकि मकर राशि वालों के लिए बुध एक शुभ ग्रह है। ऐसे में चिंता न करें क्योंकि यह अवस्था आपके लिए अधिक समस्या उत्पन्न नहीं करेगी। इसके अलावा पिता या घर-परिवार में सदस्यों के साथ बातचीत के दौरान आपको अपने शब्दों का चयन सोच-समझ कर करने की सलाह दी जाती है क्योंकि आपके कठोर शब्द आपके संबंधों में खटास ला सकते हैं।
कुंभ राशि
बुध आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और यह लग्न यानी पहले भाव में अस्त होंगे। आठवें भाव के स्वामी होने के परिणामस्वरूप जो लोग रिसर्च या एमएनसी कंपनी से जुड़े हैं वे इस दौरान अधिक प्रभावित हो सकते हैं। इसके अलावा, इस अवधि में आप लोगों से बातचीत करते समय संयम बरतें और बहुत सोच-समझकर ही कोई कम्युनिकेशन या संवाद करें अन्यथा समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। यदि आप तकनीक के क्षेत्र में कोई नया अविष्कार करना चाहते हैं तो हो सकता है कि समस्या का सामना करना पड़े लेकिन चीजें जल्द सुलझ जाने की संभावना है इसलिए अधिक तनाव न लें। वहीं पेशेवर लोगों को इस दौरान उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि बुध आपके पांचवें भाव के स्वामी भी हैं और साथ ही शुभ ग्रह भी है इसलिए सब कुछ नियंत्रण में ही रहेगा
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